गुलामी का टुट गया जाल, ये है मेरे भिम का कमाल
ये है मेरे भिम का कमाल ~ ~ ~
भिकारी, सारे भिकारी बने है मालामाल
ये है मेरे भिम का कमाल ॥ धृ ॥
लाखो करोडो दिल के जले थे, सर झुकाये खुब चले थे
चलते है, हां चलते है
अजी चलते है शेर की वो चाल
ये है मेरे भिम का कमाल ॥ १ ॥
अब ना गुलामी, अब ना सलामी, आबरु की अब ना निलामी
बने है, हां बने है
अरे बने है गुलाम राजपाल
ये है मेरे भिम का कमाल
॥ २ ॥
बोधि तरु कि है ये जुबानी, भिम जो आये आयी जवानी
नाचती है, हां नाचती है
अजी नाचती है देखो डाल डाल
ये है मेरे भिम का कमाल
॥ ३ ॥
प्रतापसिंगजी छोडो झमेला, नागपूर का देखो तो मेला
बिस लाख, हां बिस लाख
अजी बिस लाख आते हर साल
ये है मेरे भिम का कमाल
॥ ४ ॥
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